अफगानिस्तान के सबसे बड़े मीडिया नेटवर्क के सामने अब बड़ी चुनौती आ गयी है। अफगानिस्तान का स्वतंत्र टीवी चैनल टोलो न्यूज़ लगातार खबरों का प्रसारण जारी रखा है, लेकिन उनमें डर है कि आखिर कब तक वो ऐसे कर पाएंगे।इस बीच तालिबान ने अफगान मीडिया से कहा है कि वह पहले की तरह अपना काम करते रहें। लेकिन तालिबान के पिछले इतिहास को देखते हुए सभी मीडियाकर्मियों में डर है।
गौरतलब है कि 1996 से 2001 के शासन के बीच तालिबान ने अफगानिस्तान में टीवी पर पाबंदी लगा रखी थी।टोलो न्यूज की पैरेंट कंपनी मॉबी ग्रुप के सीईओ साद मोहसनी ने कहा कि ईमानदारी से कहूं तो हम डरे हुए हैं। हम बहुत ज्यादा नर्वस हैं।
जर्नलिस्ट प्रोटेक्ट कमेटी (सीपीजे) के साथ बातचीत करते हुए मोहसनी ने कहा कि हमारी रातें बिना सोए गुजर रही हैं। रिपोर्टर्स विदाउट बॉर्डर्स (आरएसएफ) एक अंतर्राष्ट्रीय मीडिया वॉचडॉग है। इस संगठन ने अफगान पर तालिबान के कब्जे से पहले ही यहां पर महिला पत्रकारों की सुरक्षा पर सवाल उठाए थे। इसमें कहा गया था कि यहां पर शांति के लिए महिला पत्रकारों की मूलभूत स्वतंत्रता दांव पर लग सकती है।