गुरु नानक देव के 552 वें प्रकाश पर्व पर डीएवी कॉलेज मैदान में हुए विशेष आयोजन में अचानक हुए शामिल मुख्यमंत्री ने कहा कि गुरुनानक देव जी के प्रकाश पर्व के उत्सव पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने तीनों कृषि कानूनों को वापस लेने की घोषणा की। यह कृषि कानून चाहे जैसे भी रहे हों इसका विरोध हुआ है तो लोकतंत्र में हम इस आवाज़ को अनसुनी नहीं कर सकते हैं। यह हमारी कमी थी कि हम सही चीज़ समय पर उन तक पहुंचाने में सफल नहीं रहे।
सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा, अब आपसी समन्वय से बातचीत से इन समस्याओं का समाधान करेंगे। लोकतंत्र की यह सबसे बड़ी ताकत है। सिख धर्म के इतिहास के बगैर भारत का इतिहास अधूरा है। इस प्रकार के आयोजन केवल सिख समुदाय तक सीमित न रखकर पूरे भारत में मनाना चाहिए। गुरुनानक देव सिद्धपुरूष थे, पर अपनी सिद्धि का उन्हें कोई अहंकार नहीं था। बाबर को जाबर कहने का साहस उस कालखण्ड में गुरुनानक देव ही कर सकते थे। हम सब को सिख गुरुओं के महान तप, साधना, सिद्धि और देश धर्म के लिए किए गए कार्यो से प्रेरणा लेनी चाहिए। उनकी प्रेरणा हमें आगे बढ़ने के लिए प्रेरित करेगी। फूलों से सजे गुरु के विशेष दीवान के समक्ष संगत ने सजदा कर खुशहाली की दुआएं मांगी। लोगों ने एक दूसरे को गुरु पर्व की बधाई दी। इससे पहले लखनऊ गुरुद्वारा कमेटी के अध्यक्ष राजेंद्र सिंह बग्गा महापौर संयुक्ता भाटिया सहित समाज के लोगों ने सभी को गुरु पर्व की बधाई दी।