लखनऊ : दीपावली के दिन प्रातःकाल स्नान करके भगवान विष्णु के निमित्त दीपक प्रज्वलित करें। महाकाली पूजा से मनोकामनाओं की पूर्ति और शत्रु भय से मुक्ति के साथ मुकदमें में विजय प्राप्त होती है। दीपावली पर दक्षिणावर्तीं शंख, श्री यंत्र, गोमती चक्र, मां लक्ष्मी, कुबेर यंत्र, हल्दी की गांठ और छोटा नारियल के साथ पूजन करना चाहिए। आचार्य आनंद दुबे ने बताया कि लक्ष्मी पूजा प्रदोष काल, वृषभ लग्न और सिंह लग्न में करना श्रेयस्कर होगा। काली पूजा अमावस्या की मध्य रात्रि में करना श्रेष्ठ है। राशियों के अनुरूप पूजन करने से आपके अधूरे कार्य पूरे होंगे। आचार्य एसएस नागपाल ने बताया कि राशियों के अनुरूप पुष्प व प्रसाद चढ़ापा चाहिए।
राशि वाले कैसे करें पूजन
मेष-दीपावली के दिन श्री गणेश को पीले रंग की मिठाई व लड्डू का भोग लगाएं और मां लक्ष्मी की कमल दल से पूजा करें।
वृषभ-हनुमानजी को गुड़-चने का भाेग लगाएं और दक्षिण पूर्व के कोने पर तिल के तेल का दीपक जलाएं और पूजन करेें।
मिथुन- नारियल के साथ ही मां लक्ष्मी को सूखे मेवे या मेवे की मिठाई का भोग लगाएं। घर के आंगन के बीचो बीच तेल का दीपक जलाकर पूजन करें।
कर्क- श्री गणेश-लक्ष्मी पूजन के साथ ही गुरु वृहस्पति का भोग लगाएं। पश्चिम दिशा में देसी घी का दीपक जलाएं।
सिंह- कलश स्थापित कर पूजन करना श्रेयस्कर होगा। घर के मुख्य स्थानों पर देसी घी के दीपक जलाएं और लक्ष्मी जी को कमल अर्पित करें।
कन्या- पूजन से पहले में घी का दीपक जलाएं और भोजन दान करें। घर में तेल का दीपक जलाकर मां लक्ष्मी का ध्यान करें।
वृश्चिक- घर के मंदिर में देसी घी का दीपक जलाएं और उसे रात भर जलने दें। हनुमान जी की पूजा करने से रुके कार्य पूर्ण होंगे।
धनु-गणेशजी को लड्डू का भोग लगाएं और लक्ष्मी स्वरूप गोमामा को रोटी और गुड़ खिलाएं। मुख्य स्थान पर घी या तेल का दीपक जलाएं
मकर- दक्षिण दिशा में तिल के तेल का दीपक जलाएं और श्री गणेश को सफेद रंग की मिठाई व खील का भोग लगाएं।
कुंभ-घर के मध्य में तेल का बड़ा दीपक जलाएं और उसी के माध्यम से पूरे घर के रोशन करें। श्री गणेश और लक्ष्मी का पूजन करें।
मीन-मंदिर में दीपक, तेल तथा काली उड़द दान करने से सभी रुके काम पूरे हो जाएंगे। पश्चिम दिशा में देसी घी का दीपक जलाना चाहिए।