केजीएमयू में पैरामेडिकल, टेक्नीशियन, नर्सिंग समेत दूसरे संवर्ग के कर्मचारियों की हड़ताल का खामियाज़ा मरीज़ों को भुगतना पड़ सकता है। ओपीडी-वार्ड में भर्ती मरीज़ों की परेशानी बढ़ सकती है। केजीएमयू कर्मचारी परिषद ने आउटसोर्सिंग कर्मचारियों के भी हड़तालरत होने का दावा किया है। कर्मचारियों ने पीजीआई के बराबर वेतन की मांग की है।
केजीएमयू में करीब 2400 नर्स, टेक्नीशियन और दूसरे संवर्ग के कर्मचारी नियमित तैनात हैं। ये काफी समय से पीजीआई के बराबर वेतन मांग रहे हैं। कैडर पुर्नगठन की मांग भी नज़र अंदाज़ होने पर रोष है। केजीएमयू कर्मचारी परिषद अध्यक्ष प्रदीप गंगवार ने बताया कि पीजीआई के समान वेतनमान, कैडर पुर्नगठन का शासनादेश पांच साल पहले हो चुका है। अब तक लाभ नहीं मिला है। प्रदीप के मुताबिक इमरजेंसी सेवाएं प्रभावित नहीं होंगी। हड़ताल से ओपीडी सेवाएं प्रभावित रहेंगी। इसकी ज़िम्मेदारी शासन और केजीएमयू अफसरों की है। सात से आठ हज़ार आउटसोर्सिंग कर्मचारी हड़ताल में शामिल होंगे।
ये हो सकती हैं दिक्कतें
- कोविड जांच कराने में अड़चन आ सकती है।
- कोविड-खून की जांच रिपोर्ट में दिक्कत हो सकती है।
- वार्ड में भर्ती मरीज़ों का इलाज प्रभावित हो सकता है।
- ओपीडी में मरीज़ों को दिक्कत हो सकती है।