लखनऊ : लखनऊ में जो भी कंपनियां या संस्थाएं प्लास्टिक बैग या पैकेजिंग का उपयोग बिक्री में करेंगी, उनको इसे वापस लेने के लिए भी संसाधन विकसित करने होंगे। यूपी प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (यूपीपीसीबी) ने पॉलीथिन या प्लास्टिक कचरा पैदा करने वाली निर्माता कंपनियों, बिक्री में शामिल ब्रांड स्टोर्स को पंजीकरण कराने और कार्ययोजना देने के लिए नोटिस जारी कर 15 नवंबर तक का समय दिया है।
नोटिस के मुताबिक कें द्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) ने अपशिष्ट प्लास्टिक नियम, 2016 में संशोधन कर नया एक्सटेंडेड प्रोड्यूसर रेस्पॉन्सिबिलिटी प्लान (ईपीआरपी) तैयार किया है। इसे लागू करने के लिए अब एसओपी तैयार की है। क्षेत्रीय अधिकारी डॉ. राम करन इसे अब लखनऊ में लागू कराएंगे।
प्लास्टिक कचरे को बिक्री के बाद ग्राहक से वापस जुटाने के लिए जगह-जगह कूड़ेदान लगाकर कलेक्शन सेंटर बनाने होंगे। इसे वापस ली गई प्लास्टिक का पूरा रिकॉर्ड भी कंपनियों को रखना होगा। नगर निगम की मदद से यह काम कंपनियां कर पाएंगी। यूपीपीसीबी को जो डाटा कंपनियां देंगीं, उसमें नगर निगम का प्रमाण पत्र भी ज़रूरी होगा।
यूपीपीसीबी ने यह भी साफ कर दिया है कि चरणबद्ध तरीके से खुद कंपनियों को उन प्लास्टिक और पॉलिथीन का उपयोग बंद करना होगा, जो रिसाइकिल नहीं हो सकती। इसके लिए दो साल का समय तय किया गया है। यूपीपीसीबी खुद इसकी निगरानी करेगा।