लखनऊ, 19 Aug 2021 यूपी ने गुरुवार को कोविड टेस्टिंग में एक और मील का पत्थर अपने नाम किया। अन्य राज्यों को पीछे छोड़ते हुए उत्तर प्रदेश ने 07 करोड़ से अधिक लोगों की कोविड जांच पूरी कर ली। अपने बेहतर कोविड प्रबंधन से कोरोना को मात देने में बड़ी सफलता हासिल करने वाले उत्तर प्रदेश में प्रत्येक दिन तीन लाख लोगों के नमूनों का परीक्षण किया जा रहा है। इतना ही नहीं कोविड रोगियों को पता लगाने और प्रदेश के अंतिम व्यक्ति तक इलाज पहुंचाने की रणनीति से यूपी ने महामारी पर जल्दी नियंत्रण पाया है।
कोरोना पर प्रभावी रूप से नियंत्रण करने में 'ट्रेस-टेस्ट-ट्रीट' का मंत्र भी कारगर साबित हुआ है। सरकार की मजबूत इच्छाशक्ति का असर है कि विश्व स्वास्थ्य संगठन की ओर से दिए गये मानकों से 10 गुना अधिक कोविड नमूनों की जांच उत्तर प्रदेश में प्रतिदिन की जा रही है। विश्व स्वास्थ्य संगठन ने उत्तर प्रदेश में प्रति दिन 32 हजार नमूनों की जांच के मानक दिये थे जबकि उत्तर प्रदेश में प्रतिदिन 250,000 से 300,000 के बीच नमूनों की जांच रोज की जा रही है। यूपी ने 2020 में नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी, पुणे में प्रयोगशाला से पहला कोविड परीक्षण कराने से लेकर आज तक सात करोड़ नमूनों का परीक्षण कराने की सीमा को पार करने का एक लंबा सफर तय किया है। इतनी बड़ी संख्या में की गई सैम्पल जांच राज्य की बेहतर और बढ़ती टेस्टिंग क्षमता का गवाह बनी है।
विश्व स्वास्थ्य संगठन की ओर से जारी की गई गाइडलाइन से कई गुना ज्यादा पॉजिटिव केस की पुष्टि होने पर प्रति व्यक्ति नमूनों की जांच में भी यूपी अव्वल रहा है। प्रति व्यक्ति पॉजिटिव केस की पुष्टि होने पर यूपी ने 39.9 नमूनों की जांच की है। जबिक महाराष्ट्र में प्रति व्यक्ति पॉजीटिव केस की पुष्ट होने पर 6.4 नमूने जांचे गये, कर्नाटक में 11.5 नमूनों की जांच की गई, केरल ने 8 नमूने, दिल्ली ने 14, तमिलनाडु ने 12.8 और आंध्र प्रदेश ने 11.4 नमूनों की जांच की गई है। देश में सबसे अधिक आबादी वाला राज्य होने के बावजूद यूपी ने औसतन रोजाना 1.50 लाख आरटी-पीसीआर परीक्षण करके दिल्ली, महाराष्ट्र और राजस्थान सहित अन्य सभी राज्यों को भी पीछे छोड़ दिया है।
कोविड की चेन को तोड़ने में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की ओर से प्रदेश में गठित निगरानी समितियों ने भी बड़ा कार्य किया है। उन्होंने ग्रामीण इलाकों में 'ट्रेस, टेस्ट और ट्रीट' के मंत्र को प्रभावी बनाते हुए बीमारी पर अंकुश लगाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। निगरानी समितियां प्रतिदिन ग्रामीण क्षेत्रों में 8,000 रैपिड रिस्पांस टीमों (आरआरटी) से एक लाख से अधिक कोविन नमूनों की जांच करवा रही हैं। प्रदेश सरकार के सभी 75 जिलों में 73000 से अधिक निगरानी समितियां 97941 गांवों में भम्रण कर बीमारी को रोकने में मदद कर रही है। लोगों को साफ-सफाई का महत्व बताने के साथ उनको बीमारियों से बचाव के लिये जागरूक भी कर रही हैं। इसका असर है कि कोविड 19 की दूसरी लहर में की टेस्टिंग में सर्वाधिक नमूनों की जांच ग्रामीण क्षेत्रों में की गई है।