उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव को लेकर सभी पार्टियों ने प्रचार के लिए रथ यात्रा शुरू कर दी है ऐसे में कयास लगाए जा रहे हैं कि इस बार शिवपाल यादव भी रथ यात्रा निकाल सकते हैं देखिए इस रिपोर्ट में
उत्तर प्रदेश में अगले साल विधानसभा चुनाव होने हैं। सभी चुनावी पार्टियां चुनाव प्रचार के लिए रथ पर सवार हो गई हैं। सत्ता के लिए रथ पर सवार होने की परंपरा कोई नई नहीं है । पार्टियों ने अपने रथ यात्रा का अलग नाम देकर प्रचार-प्रसार में लग गई है। अब जनता किसे अपना आशीर्वाद देती है यह तो चुनाव नतीजों के बाद ही पता चलेगा।
मोदी सरकार के मंत्री जन आशीर्वाद यात्रा निकाल रहे हैं।अखिलेश यादव के कैंप से उनकी सहयोगी पार्टियों जनवादी पार्टी और महान दल ने भी यात्रा शुरू कर दी. तो वहीं कुंडा के बाहुबली विधायक रघुराज प्रताप सिंह उर्फ राजा भैया ने आज अयोध्या से शुभ मुहूर्त पर जनसेवा संकल्प यात्रा पर चल दिए ।
यादव परिवार में हुए दो फाड़ के बाद शिवपाल यादव ने अपनी पार्टी प्रगतिशील समाजवादी पार्टी बनाई थी। खाना की चुनाव मैं उनको कोई खास सफलता नहीं लेकिन अपने भतीजे अखिलेश यादव कभी खेल खराब किया था। शिवपाल यादव ने भी रथयात्रा पर निकलने का फ़ैसला कर लिया है. उन्होंने इसका नाम दिया है सामाजिक परिवर्तन रथयात्रा।इसकी तारीख़ अभी तय नहीं है लेकिन तैयारियां हो चुकी हैं। शिवपाल यादव का रथ बन कर उनके पैतृक गांव सैफई पहुंच चुका है. बस को रथ की तरह तैयार किया गया है. अंदर बैठने के लिए सोफ़ा लगा है और आराम करने के लिए बेड भी बना हुआ है।रथ के बाहर शिवपाल और उनके बेटे आदित्य की फ़ोटो लगी हुई है।
दिलचस्प बात ये है कि मुलायम सिंह यादव की तस्वीर भी बस पर लगी है. मुलायम के नाम का इस्तेमाल अखिलेश भी करते हैं और शिवपाल भी. मुलायम के नाम का इस्तेमाल अखिलेश भी करते हैं और शिवपाल भी. रथ पर राम मनोहर लोहिया और जनेश्वर मिश्र जैसे पुराने दिग्गज समाजवादी नेताओं की भी फ़ोटो लगी हुई है. 2017 के विधानसभा चुनाव में भी अखिलेश यादव ने रथनुमा बस से ही प्रचार किया था. तब कांग्रेस और समाजवादी पार्टी के बीच गठबंधन था. कुछ जगहों पर तो राहुल गांधी और अखिलेश यादव ने मिल कर रथ यात्रा की थी. अब तो इंतज़ार बस इस बात का है कि जनता किसके रथ पर वोटों की बारिश करती है.