जिला पंचायत अध्यक्ष एवं ब्लॉक प्रमुख चुनाव में बसपा ने अपने प्रत्याशी मैदान में नहीं उतारे थे, लेकिन हार-जीत में बसपाइयों की क्या भूमिका रही, पार्टी इसकी समीक्षा करेगी। इसके लिए सभी जोनल इंचार्जों को कहा गया है कि वे अपने अपने जोन की रिपोर्ट तैयार करें।
त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव में बसपा ने शिरकत तो की थी, पर जैसे ही जिला पंचायत अध्यक्ष पद के लिए नामांकन हुए वह चुनावी मैदान से हट गई। पार्टी सुप्रीमो मायावती ने आरोप लगाया कि इस चुनाव में खरीद फरोख्त हो रही है। ऐसे में बसपा चुनाव नहीं लड़ेगी। ब्लॉक प्रमुख चुनाव में भी यही हुआ।
इस चुनाव में भी बसपा नहीं लड़ी। लेकिन बसपा से जीते जिला पंचायत सदस्यों व बीडीसी सदस्यों ने मतदान किया है। बसपा आला कमान अब इसकी समीक्षा कर रहा है कि बसपाइयों का इस चुनाव में प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से क्या योगदान रहा। इसके लिए सभी मुख्य जोनल इंचार्जों को जिम्मेदारी सौंपकर हर जिले से इसकी रिपोर्ट मांगी गई है।
विधानसभा कोऑर्डिनेटरों की करनी है तैनाती
बसपा को जल्द ही विधानसभा प्रभारी या कोऑर्डिनेटरों की तैनाती करनी है। बसपा में जिसे विधानसभा प्रभारी की जिम्मेदारी दी जाती है अक्सर उसे ही उस विधानसभा क्षेत्र का उम्मीदवार भी घोषित कर दिया जाता है। बसपा अब इसी ट्रैक पर काम कर रही है।
पार्टी की कोशिश है कि घोषणा से पहले यह समीक्षा कर ली जाए कि किस क्षेत्र में किसका कितना वजूद है। इसके लिए भी टीम को लगाया गया है। इसकी भी जिलेवार रिपोर्ट तलब की है।