लखनऊ, 20 नवंबर (न्यूज हेल्पलाइन) कल शुक्रवार 19 नवमबर को प्रधानमंत्री ने ‘मन की बात’ कार्यक्रम के अपने संबोधन में विवादित और विगत कुछ समय से देश में किसान आदोलनों का कारण बने तीन कृषि कानूनों को वापस लेने की घोषणा की थी। प्रधानमंत्री के इस घोषणा के बाद से ही देश भर के विपक्षी दल केंद्र और प्रधानमंत्री पर हावी होने की कोशिश कर रहे हैं। विशेषतः मुख्य विपक्षी दल कॉंग्रेस ने तो केंद्र सरकार और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ मोर्चा ही खोल दिया है।
इसी सिलसिले में कॉंग्रेस नेता और पार्टी महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने आज कहा है कि पीएम मोदी को लखनऊ में डीजीपी और आईजी के सम्मेलन में शामिल नहीं होना चाहिए। मैंने उन्हें (DGP और IG) भी इस बारे में लिखा है। अगर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी वास्तव में किसानों की चिंता है, तो उन्हें गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा के साथ मंच साझा नहीं करना चाहिए, जिनका बेटा लखीमपुर खीरी मामले में आरोपी है।
ज्ञात हो को कल अपने संबोधन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किसानों के प्रति बहुत संवेदना और चिंता व्यक्त की थी। दूसरी तरफ केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा के बेटे आशीष मिश्रा पर लखीमपुर खीरी में विगत 3 अक्टूबर को किसानों को कुचल कर मार देने का केस और पूछताछ चल रहा है। कॉंग्रेस नेता प्रियंका गांधी वाड्रा का प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के लिए वक्तव्य और सलाह इसी दो विरोधाभासी स्थितियों के संदर्भ में आया है।