यूपी में विधानसभा चुनाव नजदीक आने के साथ ही पार्टियां चुनावी समीकरण बनाने में जुट गई हैं। बसपा विधानसभा चुनाव के लिए दलित और ब्राह्मण उत्पीड़न को चुनावी हथियार बनाएगी। प्रबुद्ध विचार गोष्ठी के बाद इस एजेंडे को धार दी जाएगी। इसमें बसपा के सेक्टर प्रभारी घटना स्थल पर जाएंगे और पीड़ित परिवारों से मिल कर विरोध जताने के साथ ही उनकी मदद भी करेंगे। इसके साथ ही बसपा अपने चुनावी सभाओं में यह भी बताएगी कि पिछले पांच सालों में कैसे दलितों, ब्राह्मणों और मुसलमानों का उत्पीड़न किया गया है।
बसपा सुप्रीमो मायावती इन दिनों लखनऊ में ही रह कर यूपी विधानसभा चुनाव की तैयारियों में जुटी हुई हैं। उनके निर्देश पर बसपा के राष्ट्रीय महासचिव सतीश चंद्र मिश्र पार्टी के साथ ब्राह्मणों को जोड़ने के लिए सम्मेलन कर रहे हैं। हालांकि, इसका नाम प्रबुद्ध विचार गोष्ठी दिया गया है। इस गोष्ठी के सहारे भाजपा सरकार की दलित और ब्राह्मण विरोधी नीति की पोल खोलने का काम सतीश चंद्र मिश्र कर रहे हैं। गोष्ठी के सहारे जिले-जिले में ब्राह्मणों को बसपा से जोड़ने का भी काम किया जा रहा है।
पार्टी के रणनीतिकारों का कहना है कि भाजपा राज में सबसे अधिक उत्पीड़ने ब्राह्मण, दलित और मुसलमानों का हुआ है। यह समाज अपने को पीड़ित महसूस कर रहा है। इनकी कोई सुनवाई नहीं हो रही है। बसपा ऐसे लोगों को अपने साथ जोड़ने का काम करेगी। उत्पीड़न का शिकार होने वालों के यहां बसपा के लोग जाएंगे और उन्हें हर संभव मदद के साथ ही न्याय दिलाने का काम करेंगे। इससे इन समुदायों का जुड़ाव बसपा के साथ होगा और विधानसभा चुनाव में इसका फायदा मिलेगा।