शिक्षक भर्ती में भ्रष्टाचार का आरोप लगा ओबीसी और एससी अभ्यर्थियों का धरना 72 वें दिन भी जारी रहा। इस दौरान आजाद समाज पार्टी प्रमुख चन्द्रशेखर आजाद दूसरे दिन भी धरने में शामिल रहे। आंदोलनकारियों ने इस दौरान मांगें पूरी न होने पर इसको अब पूरे देश के पैमाने पर ले जाने की बात कही हैं। इसमें जहां - जहां आजाद समाज पार्टी के लोग मौजूद है, वहां आंदोलन किया जाएगा। उसके अलावा प्रदेश में इसको और उग्र बनाया जाएगा। आरोप है कि ओबीसी और एससी अभ्यर्थियों की 15 हजार सीट किसी और को दे दी गई है।
चन्द्रशेखर आजाद ने कहा कि वह इस आंदोलन से पूरी तरह जुड़ चुके हैं। अब मांग पूरी होने तक वह लोग इस लड़ाई को छोड़ने वाले नहीं है। बताया कि सरकार ने अगर जल्द ही मांगों को पूरा नहीं किया तो 2022 के विधान सभा चुनाव में यही नौजवान इनको बाहर का रास्ता दिखाने के लिए बैठा है। उन्होंने कहा कि जब भी किसी जनप्रतिनिधियों के पास जाते हैं तो भाजपा सरकार के मंत्री लाठी चार्ज करवा देते हैं। भाजपा कार्यालय जाने पर परसों इनके साथ मारपीट की गई। मैंने पहले ही कहा था अगर अन्याय होगा तो मैं साथ खड़ा रहूंगा। चन्द्र शेखर ने कहा कि अब इनको लाठी लगेगी तो सबसे पहले अब मुझे लाठी लगेगी। मुख्यमंत्री से कहना चाहता हूं कि लाठी नहीं अब गोली चलवा दे।
इन मांगों पर आंदोलन कर रहे अभ्यर्थी
• 69000 शिक्षक भर्ती में ओबीसी को 27 प्रतिशत के स्थान पर उनके कोटे में 3.86 प्रतिशत आरक्षण क्यों?
• भर्ती में दलित वर्ग को 21 प्रतिशत के स्थान पर उनके कोटे में 16.6 प्रतिशत आरक्षण क्यों?
• आरक्षण नियमावली बेसिक शिक्षा विभाग उप्र 1994 का सही ढंग से पालन न होने की वजह से 15000 आरक्षित वर्ग के अभ्यर्थी चयन से वंचित हो गए।
• संविधान से मिले आरक्षण के अधिकार 27 प्रतिशत और 21 प्रतिशत को पूरी तरह से लागू किया जाए। मंत्री व मुख्यमंत्री कार्यालय तक दे चुके हैं धरना
शिक्षा मंत्री से लेकर बीजेपी कार्यालय का कर चुके घेराव
प्रदर्शन कर रहे हैं अभ्यर्थियों ने बीते 1 महीने के अंदर बेसिक शिक्षा मंत्री के आवास पर चार बार घेराव किया और मुख्यमंत्री के आवास पर दो बार जाने से पहले हिरासत में लिया गया। 26 अगस्त को प्रदर्शन कर्मियों ने भाजपा मुख्यालय के गेट पर धरना दिया था। इस दौरान प्रदर्शनकारियों ने 'योगी जी न्याय दो, शिक्षा मंत्री न्याय' दो के नारे लगाए। इसमें बताया कि वह लोग इसको लेकर सीएम और राज्यपाल को भी पत्र लिख चुके हैं। लेकिन अभी तक उनकी मांगों को नजरअंदाज कर गलत तरीके से भर्ती प्रक्रिया को शुरू किया जा रहा है। कहा कि जल्द ही इसमें सुधार न हुआ तो हजारों प्रदर्शनकारी आंदोलन को उग्र करने को विवश होंगे। इसकी जिम्मेदारी सरकार और प्रशासन की होगी।