उत्तर प्रदेश में 2022 के विधानसभा चुनावों को लेकर उत्तर प्रदेश में चुनावी सरगर्मियां काफी तेज हो गई हैं। हालांकि सभी राजनीतिक पार्टियां चाहे वो छोटा दल हो या बड़ा दल हो गठबंधन को लेकर अपने अपने पत्ते खोलने को तैयार नहीं हैं। सपा के सूत्रों की माने तो आम आदमी पार्टी (आप) और समाजवादी पार्टी (सपा) के बीच सीटों के बंटवारे को लेकर बातचीत का दौर अभी जारी है लेकिन यह मामला सीटों पर जाकर अटका हुआ है। सूत्रों की माने तो आप ने यूपी की 40 विधानसभा सीटों पर अखिलेश के सामने अपनी दावेदारी पेश की है लेकिन सपा के चीफ आप को यूपी में 20 से ज्यादा सीटें देने पर राजी नहीं हो रहे हैं।
सपा के एक एमएलसी ने बताया कि आप और सपा के बीच गठबंधन को लेकर बातचीत अपने अंतिम दौर में पहुंच गई हैं। हालांकि आप की तरफ से चालीस सीटों का दावा किया गया है लेकिन सपा केवल 20 सीटें ही देना चाहती है। सपा चाहती है कि पश्चिमी यूपी और दिल्ली बार्डर से सटे जिलों में आप को यह सीटें दे दी जाएं लेकिन आप का दावा है कि उसे पूर्वांचल में भी कुछ सीटें चाहिए।
सपा के MLC ने बताया, ''आप ने यह भी प्रस्ताव रखा है कि अखिलेश यादव अगर 25 सीटें देकर अगर गठबंधन की घोषणा अभी कर दें तो भी सहमति बन सकती है। लेकिन अखिलेश यादव नवंबर से पहले किसी भी सूरत में गठबंधन की गांठ पर मुहर नहीं लगाना चाहते हैं। वह चाहते हैं कि चुनाव में जाने से पहले पूरी तरह से गठबंधन को लेकर नफे नुकसान का आंकलन कर लिया जाए। इसके बाद कोई फैसला लिया जाए।''
संजय सिंह ने की थी अखिलेश से मुलाकात
इससे पहले आम आदमी पार्टी के नेता व सांसद संजय सिंह शनिवार 03 जुलाई को लखनऊ में समाजवादी पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव से मिलने जनेश्वर मिश्रा ट्रस्ट ऑफिस पहुंचे। यहां दोनों नेताओं के बीच करीब एक घंटे तक मीटिंग हुई। संजय सिंह और अखिलेश यादव की मुलाकात खबरों के बाद से यूपी की सियासी हलचल तेज हो गई। हालाकि संजय सिंह ने इसे शिष्टाचार मुलाकात बताया है। संजय सिंह आम आदमी पार्टी के यूपी प्रभारी है और विधानसभा चुनाव से पहले वो काफी एक्टिव नजर आ रहे हैं। विधानसभा चुनावों को लेकर हाल ही में सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी (सुभासपा) के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं भागीदारी संकल्प मोर्चा के संयोजक ओमप्रकाश राजभर ने संजय सिंह से उनके लखनऊ स्थित आवास पर तकरीबन एक घंटे तक मुलाकात की थी।
सपा के मुखिया अखिलेश यादव ने हालांकि खुद ही यह बयान दिया था कि वह छोटे दलों के साथ ही गठबंधन कर यूपी में चुनाव लड़ेंगे। बड़े दलों के साथ किसी भी तरह की गठबंधन की संभावनाओं से उन्होंने इंकार कर दिया था। इसके बाद उन्होंने महानदल के अलावा कई दलों के नेताओं से मुलाकात की थी। इसी क्रम में सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के चीफ ओम प्रकाश राजभर से मुलाकात की थी लेकिन बीजेपी के साथ उनकी नजदीकियों ने अखिलेश को सोचने के लिए मजबूर कर दिया है। राजभर ने कुछ दिनों पहले ही बीजेपी के यूपी अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह से भी जाकर मुलाकात की थी जिसको लेकर यूपी की सियासत में काफी हंगामा हुआ था।