चिड़ियाघर इस माह सौ वर्ष का सफर तय कर लेगा। 29 नवंबर को सौ साल पूरे होने पर जश्न मनाने की तैयारी है। चिड़ियाघर प्रशासन आयोजन को बेहतर बनाने में जुटा है। मुख्य अतिथि से लेकर हर दिन होने वाले आयोजन की सूची बन रही है। लखनऊ की शान चिड़ियाघर में हर वर्ष करीब पंद्रह लाख दर्शक आते हैं। नरही मोहल्ले के पास चिडिय़ाघर की पहचान पहले बनारसी बाग थी लेकिन फिर प्रिंस ऑफ वेल्स जुलोजिकल्स गार्डेंन, चिड़ियाघर और अब नवाब वाजिदअली शाह जूलोजिकल गार्डेंन का नाम उसे मिला सार्वजनिक अवकाशों के दिन चिडिय़ाघर में इतनी भीड़ होती है कि पैर रखने की जगह नहीं मिलती है। अपने कुछ वन्यजीवों को लेकर चिडिय़ाघर सिर्फ देश ही नहीं, विदेशों में भी चर्चा में रहा।
स्तंभ के अलावा, प्रबंधन ने चिड़ियाघर के लोगो के डिजाइन के साथ एक डाक टिकट जारी करने और अपने आगंतुकों द्वारा क्लिक की गई तस्वीरों सहित विशेष यादगार-पुराने और नए भी जारी करने का निर्णय लिया है।
चिड़ियाघर ने निवासियों से अपने सुझाव और विचार देने के लिए भी कहा है, जिन्हें यादगार में शामिल किया जा सकता है।
युवाओं और छात्रों के लिए, प्राणी उद्यान भी इस दिन प्रतियोगिताओं और कार्यक्रमों का आयोजन करेगा।
चिड़ियाघर के निदेशक आर.के. सिंह ने कहा, आगंतुकों के लिए कई प्रतियोगिताएं और कार्यक्रम होंगे। यह वर्ष हमारे साथ-साथ कैदियों के लिए भी बहुत खास है। हम लोगों को गोद लेने के कार्यक्रम को चुनने के लिए भी प्रोत्साहित कर रहे हैं।