लखनऊ न्यूज डेस्क: लखनऊ में फर्जी कंपनियों के जरिए जीएसटी चोरी का नेटवर्क लगातार फैलता जा रहा है। अब स्टेट जीएसटी विभाग की शिकायत पर दो और एफआईआर दर्ज हुई हैं — एक विभूतिखंड और दूसरी बिजनौर थाने में। इन दोनों फर्मों पर कुल मिलाकर 45 करोड़ रुपये से ज्यादा की जीएसटी चोरी का आरोप लगा है। इससे पहले तालकटोरा नाका थाने में भी एक केस दर्ज हुआ था, जिसके बाद अब ऐसे मामलों की संख्या लखनऊ में बढ़कर 12 हो गई है।
बिजनौर थाने में दर्ज एफआईआर के अनुसार, “सन इंटरप्राइजेज” नाम की फर्जी कंपनी ने लगभग 20 करोड़ रुपये की जीएसटी चोरी की है। जांच में सामने आया कि इस फर्म ने झूठे बिलों और फर्जी लेनदेन के जरिए टैक्स से बचने की कोशिश की। वहीं, विभूतिखंड थाने में “एमएस एचके इम्पेक्स” नाम की दूसरी फर्जी फर्म पर 25 करोड़ रुपये से ज्यादा की टैक्स चोरी का आरोप है। यह फर्म गैर-मौजूद सप्लाई और फर्जी इनवॉइस के जरिए भारी हेराफेरी करती रही।
जीएसटी विभाग का कहना है कि यह कार्रवाई बड़े पैमाने पर चल रही जांच का हिस्सा है, जिसमें अब तक करीब 1800 करोड़ रुपये के फर्जी लेनदेन का खुलासा हो चुका है। इसके जरिए 400 करोड़ रुपये से ज्यादा की टैक्स चोरी की गई है। अधिकारियों ने बताया कि सभी एफआईआर विभाग की ओर से दर्ज कराई गई हैं और अब इन कंपनियों के नेटवर्क, बैंक खातों और असली संचालकों की जांच शुरू कर दी गई है।
जीएसटी विभाग ने कहा है कि फर्जी बिलिंग करने वाली कंपनियों के खिलाफ ज़ीरो टॉलरेंस नीति अपनाई जाएगी। आने वाले दिनों में और भी मामलों में कड़ी कार्रवाई की संभावना है।