मुंबई, 13 मई, (न्यूज़ हेल्पलाइन)। भारत के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने कहा कि जम्मू-कश्मीर के मुद्दे पर तीसरे पक्ष की दखलंदाजी मंजूर नहीं है। इस मुद्दे को भारत-पाकिस्तान आपस में सुलझाएंगे। इसमें कोई बदलाव नहीं है। लंबित मामला सिर्फ पीओके पर कब्जा करने का है। इसी पर बात होगी। दरअसल, डोनाल्ड ट्रम्प ने कहा था, मैं दोनों के साथ मिलकर यह देखने की कोशिश करूंगा कि क्या हजार साल' बाद कश्मीर मुद्दे का कोई हल निकाला जा सकता है। उन्होंने आगे कहा, 7 मई को ऑपरेशन सिंदूर शुरू होने से लेकर 10 मई को गोलीबारी और सैन्य कार्रवाई बंद करने पर सहमति बनने तक, भारतीय और अमेरिकी नेताओं के बीच उभरते सैन्य हालात पर बातचीत होती रही। किसी भी चर्चा में व्यापार का मुद्दा नहीं उठा।' दरअसल, अमेरिकी राष्ट्रपति ने 12 मई को दावा किया था कि उन्होंने दोनों देशों के नेताओं से कहा कि अगर वे युद्धविराम पर सहमत होते हैं तो अमेरिका उन्हें व्यापार में मदद करेगा। अगर नहीं मानते हैं तो उनके साथ कोई व्यापार नहीं होगा। इसके बाद दोनों देश सीजफायर पर सहमत हो गए थे।
प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने कहा, 'सिंधु जल संधि स्थगित रहेगी। हमने सात बार ब्रीफिंग दी। हमारे पास सबूत हैं। टीआरएफ ने जिम्मेदारी ले थी। टीआरएफ लश्कर-ए-तैयबा का संगठन है। टीआरएफ को UNSC में आतंकी संगठन के तौर पर लिस्टेड कराएंगे। जांच की रिपोर्ट से जल्द अपडेट कराएंगे। UNSC की मॉनिटरिंग कमेटी से हमने द रेजिस्टेंस फ्रंट (TRF) को आतंकी संगठन के तौर पर लिस्टेड करने को कहा है। उनका जवाब कुछ दिनों में मिल जाएगा। ऑपरेशन सिंदूर में कई जगहों को पाकिस्तान में नुकसान पहुंचा। पाकिस्तान ने भारतीय सेना की क्षमता देखी। पाकिस्तान के प्रोजेक्ट को नुकसान पहुंचा। हमारा टारगेट आतंकी इन्फ्रास्ट्रक्चर थे। 9 मई की रात पाकिस्तान का हमला हमने फेल किया। वहां के एयरबेस ध्वस्त होने के बाद पाकिस्तान ने DGMO लेवल की बातचीत की पेशकश की। पाकिस्तान में हुए हमले की सैटेलाइट पिक्चर मौजूद हैं। ये आपके हर सवाल का जवाब देंगी। पाकिस्तान ने हर जंग हारने के बाद ढोल बजाया है। यह उनकी पुरानी आदत है। BSF के कॉन्स्टेबल बीके साहू 20 दिन से पाकिस्तान के कब्जे में हैं। उन्हें छुड़ाने के सवाल पर रणधीर जायसवाल ने कहा, मेरे पास इसका अपडेट नहीं है। इस बारे में सेना और डिफेंस मिनिस्ट्री काम कर रही हैं। दोनों देशों में कैसे बातचीत हो रही है, इसकी डिटेल नहीं दे सकता। बांग्लादेश की अवामी लीग पर बैन लगाने की बात चिंता का विषय है। लोकतंत्र में जो काम करने का तरीका होता है, उसे दरकिनार किया गया है। बांग्लादेश में आजादी को रोका जा रहा है। राजनीतिक गतिविधियों का दायरा रोका जा रहा है, इससे हम चिंतित हैं। हम चाहते हैं बांग्लादेश में निष्पक्ष चुनाव कराया जाए।