मुंबई, 9 मई, (न्यूज़ हेल्पलाइन)। इंडिगो एयरलाइंस की ओर से एक दिव्यांग बच्चे को विमान में चढ़ने से रोका गया जिसके बाद यह मामला केंद्र तक पहुंच गया है। केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने ट्विटर पर लिखा, 'ऐसे रवैये के लिए जीरो टॉलरेंस है। किसी भी इंसान को इससे नहीं गुजरना चाहिए! मामले की खुद जांच कर रहा हूं, जिसके बाद उचित कार्रवाई की जाएगी।' नागर विमानन महानिदेशालय (DGCA) ने भी इंडिगो से रिपोर्ट मांगी है। इसके बाद एयरलाइन के CEO ने माफी मांगी है। दरअसल, बीते दिनों सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हो गया जिसमे एक दिव्यांग लड़का अपने माता-पिता के साथ रांची एयरपोर्ट पहुंचा। इस दौरान उसे इंडिगो की रांची-हैदराबाद उड़ान में चढ़ने से रोक दिया, जिसके बाद उसके माता-पिता ने भी विमान की यात्रा नहीं करने का फैसला किया। इसके बाद मामले ने तूल पकड़ लिया। इस मामले पर इंडिगो ने कहा कि एक विकलांग बच्चा अपने परिवार के साथ फ्लाइट में नहीं चढ़ सका, क्योंकि वह डरा हुआ था। ग्राउंड स्टाफ ने आखिरी मिनट तक उसके शांत होने का इंतजार किया, लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ। ऐसे में यात्रियों की सुरक्षा को देखते हुए, बच्चे को फ्लाइट में नहीं बैठाया गया। इसके बाद एयरलाइन की ओर से परिवार को होटल में ठहरने की सुविधा दी गई और उन्होंने अगली सुबह हैदराबाद के लिए उड़ान भरी।
मनीषा गुप्ता नाम की एक यात्री ने सोशल मीडिया पर इस घटना के बारे में विस्तार से जानकारी देते हुए कहा कि रांची एयरपोर्ट पर एक दिव्यांग बच्चा फ्लाइट में चढ़ने से डर रहा था। उसके माता-पिता उसे शांत करने में लगे थे। इस बीच इंडिगो कर्मियों ने बच्चे को विमान में चढ़ाने से मना कर दिया। उन्होंने तर्क दिया कि इससे अन्य यात्रियों को खतरा है। गुप्ता ने बताया कि दूसरे यात्रियों ने इसका विरोध किया। प्लेन में डॉक्टरों का भी ग्रुप था, जिसने बीच रास्ते में बच्चे को कोई दिक्कत होने पर मदद की पेशकश की। इसके बावजूद इंडिगो कर्मियों ने बच्चे को विमान पर चढ़ने नहीं दिया। उन्होंने SC के फैसले का भी हवाला दिया, जिसमें कहा गया है कि कोई भी एयरलाइन दिव्यांग यात्रियों के खिलाफ भेदभाव नहीं कर सकती।