संगम नगरी प्रयागराज में साइबर अपराधियों की एक बड़ी साजिश नाकाम हुई है। डिजिटल अरेस्ट के बढ़ते मामलों के बीच एक रिटायर्ड शिक्षिका साइबर ठगों के जाल में फंस गई थीं, लेकिन बैंक अधिकारियों की सूझबूझ और तत्परता ने उन्हें 1.20 करोड़ रुपये की चपत लगने से बचा लिया। यह घटना आधुनिक बैंकिंग सुरक्षा और कर्मचारियों की सतर्कता का एक बेहतरीन उदाहरण है।
घबराई हुई बुजुर्ग महिला और बैंक का संदेह
प्रयागराज के सिविल लाइंस क्षेत्र की निवासी 63 वर्षीय रिटायर्ड शिक्षिका चंचल श्रीवास्तव सोमवार को साइबर ठगों के 'डिजिटल अरेस्ट' का शिकार हुईं। ठगों ने उन्हें डरा-धमकाकर इतना मजबूर कर दिया कि वह अपनी जीवन भर की कमाई उन्हें सौंपने को तैयार हो गईं। दोपहर करीब 1:30 बजे, वह घबराई हुई अवस्था में पंजाब नेशनल बैंक (PNB) की सिविल लाइन शाखा पहुंचीं।
महिला ने बैंक कर्मचारी नीतू से अपनी 90 लाख रुपये की एफडी (FD) तत्काल तोड़कर सेविंग अकाउंट में ट्रांसफर करने को कहा। इतनी बड़ी रकम और महिला के चेहरे पर साफ दिख रहे डर ने बैंक स्टाफ को चौकन्ना कर दिया। मामला तुरंत चीफ बैंक मैनेजर विपिन कुमार के पास पहुंचा।
बैंक मैनेजर की जासूसी और ठगों का जाल
चीफ मैनेजर विपिन कुमार ने जब महिला से इतनी बड़ी रकम निकालने का कारण पूछा, तो उन्होंने बहाना बनाया कि उनका बेटा विदेश में रहता है और वह कोई प्रॉपर्टी खरीद रही हैं। हालांकि, बातचीत के दौरान महिला बार-बार अपना फोन छुपा रही थी और किसी के निर्देशों का पालन कर रही थी, जिससे मैनेजर का शक गहरा गया।
मैनेजर ने महिला को सीधे मना करने के बजाय बातों में उलझाया। जब महिला बैंक से बाहर निकली, तो मैनेजर ने अपने स्टाफ को उनके पीछे भेजा। जैसा अंदेशा था, बाहर निकलते ही महिला के पास ठगों का फोन आया। इसके बाद यह पुष्टि हो गई कि महिला किसी गंभीर मुसीबत में है।
ठगों की चालाकी और बैंक का पलटवार
करीब दो घंटे बाद महिला वापस आई और रांची के कोटक महिंद्रा बैंक का एक अकाउंट नंबर दिया, जिसमें उन्हें 90 लाख रुपये ट्रांसफर करने थे। मैनेजर ने सावधानी बरतते हुए अपने एक कर्मचारी अभिषेक को कोटक बैंक भेजा, जहाँ पता चला कि वह खाता महज दो महीने पहले खुला एक संदिग्ध 'करंट अकाउंट' था।
हैरानी की बात यह रही कि ठगों ने बैंक मैनेजर से भी बात की। एक महिला ठग ने बुजुर्ग महिला की बेटी और एक पुरुष ने बेटा बनकर मैनेजर को गुमराह करने की कोशिश की। लेकिन जब मैनेजर ने उनसे निजी सवाल पूछे, तो वे जवाब नहीं दे पाए। अंततः मैनेजर ने महिला के असली बेटे से विदेश में संपर्क किया, जिसने किसी भी प्रॉपर्टी सौदे से इनकार कर दिया।
करोड़ों की ठगी टली
चीफ मैनेजर ने तुरंत साइबर क्राइम थाना पुलिस को सूचित किया। पुलिस टीम बैंक पहुंची और महिला के घर जाकर उन्हें पूरी स्थिति समझाई। इस प्रकार, बैंक और पुलिस के संयुक्त प्रयासों से शिक्षिका के 1.20 करोड़ रुपये (90 लाख की एफडी और अन्य जमा राशि) सुरक्षित बच गए।
PNB के वाराणसी जोन के जनरल मैनेजर दीपक सिंह और सर्किल मैनेजर रविंद्र नारायण ओम ने स्टाफ की इस सजगता की सराहना की है। उन्होंने कहा कि आरबीआई (RBI) की गाइडलाइंस के तहत बड़े ट्रांजैक्शन पर नजर रखना अनिवार्य है और इसी नियम ने आज एक बुजुर्ग महिला को बर्बाद होने से बचा लिया।