कैंसर (Cancer) के मामले तेज़ी से बढ़ रहे हैं, जो देश के लिए एक गंभीर स्वास्थ्य चुनौती बन गया है। अंतर्राष्ट्रीय कैंसर अनुसंधान एजेंसी ग्लोबल कैंसर ऑब्ज़र्वेटरी (IARC) के अनुसार, कैंसर के मामलों की अनुमानित संख्या 14,13,316 है (दर 98.5 प्रति 1,00,000), जिससे भारत विश्व में तीसरा सबसे अधिक कैंसर बोझ वाला देश बन गया है। यह चीन (पहले स्थान) और संयुक्त राज्य अमेरिका (दूसरे स्थान) के ठीक बाद आता है।
पाँच वर्षों में 10% से अधिक की वृद्धि
लोकसभा में सरकार द्वारा पेश किए गए आंकड़ों के मुताबिक, भारत में कैंसर मरीजों की संख्या में चिंताजनक बढ़ोतरी दर्ज की गई है।
इसका अर्थ है कि सिर्फ़ पांच वर्षों (2020 से 2024) में ही मामलों में दस प्रतिशत से अधिक की बढ़ोतरी हुई है। साल-दर-साल वृद्धि इस प्रकार रही है:
| वर्ष |
अनुमानित कैंसर मामले |
| 2020 |
13,92,179 |
| 2021 |
14,26,447 |
| 2022 |
14,61,427 |
| 2023 |
14,96,972 |
| 2024 |
15,33,055 |
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हर साल लगभग लाखों नए मरीज इस सूची में जुड़ रहे हैं, जो स्वास्थ्य सेवाओं पर भारी दबाव डाल रहे हैं।
राज्यवार विश्लेषण: सबसे तेज़ उछाल और सबसे बड़ा बोझ
राज्यवार विश्लेषण में दो अलग-अलग रुझान सामने आए हैं:
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सबसे तेज़ प्रतिशत वृद्धि: छोटे केंद्र शासित प्रदेशों और राज्यों में प्रतिशत वृद्धि सबसे अधिक रही है।
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दमन में सर्वाधिक 39.51% की बढ़त दर्ज की गई।
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इसके बाद दादरा एवं नगर हवेली (30.09%), सिक्किम (26.06%), लक्षद्वीप (18.52%) और मणिपुर (18.48%) में भी तेज़ उछाल देखा गया।
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दिल्ली, हरियाणा, झारखंड, मध्य प्रदेश और कर्नाटक जैसे राज्यों में भी 10% से अधिक की वृद्धि हुई।
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बड़ी आबादी वाले राज्यों में भारी बोझ: हालांकि प्रतिशत वृद्धि कम दिख सकती है, लेकिन कुल कैंसर मरीजों की संख्या बड़ी आबादी वाले राज्यों में बहुत ज़्यादा है।
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उत्तर प्रदेश (2.21 लाख)
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महाराष्ट्र (1.27 लाख)
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पश्चिम बंगाल (1.18 लाख)
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बिहार (1.15 लाख)
कैंसर मामलों में वृद्धि के मुख्य कारण
भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (ICMR) के अनुसार, मामलों में बढ़ोतरी के पीछे कई जटिल कारक जिम्मेदार हैं:
जीवनशैली में बदलाव: आधुनिक और शहरी जीवनशैली में आए नकारात्मक परिवर्तन।
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प्रदूषण: शहरी और औद्योगिक क्षेत्रों में बढ़ता वायु प्रदूषण एक बड़ी स्वास्थ्य चुनौती बन गया है।
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बुजुर्ग आबादी में वृद्धि: चूंकि कैंसर वृद्ध लोगों में अधिक आम है, इसलिए देश में बुजुर्गों की आबादी बढ़ने से भी कुल मामलों की संख्या में वृद्धि हुई है।
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स्वास्थ्य जागरूकता और बेहतर रिपोर्टिंग: लोगों में जागरूकता बढ़ने और बेहतर डायग्नोस्टिक सुविधाओं के कारण अब अधिक मामले रिपोर्ट हो पा रहे हैं।
आगे की राह: तत्काल कार्रवाई की आवश्यकता
भारत के लिए कैंसर अब तेज़ी से बढ़ती हुई स्वास्थ्य चुनौती बन चुका है। आने वाले सालों में मामलों में और बढ़ोतरी होने की आशंका है, इसलिए रोकथाम, स्क्रीनिंग (Screening) और इलाज के लिए एक व्यापक राष्ट्रीय रणनीति की आवश्यकता है।
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तंबाकू नियंत्रण और प्रदूषण नियंत्रण पर तत्काल ध्यान देना।
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सार्वजनिक स्वास्थ्य ढांचे का विस्तार करना।
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लोगों को स्वस्थ जीवनशैली अपनाने के लिए प्रेरित करना महत्वपूर्ण है।