मुंबई, 2 जून, (न्यूज़ हेल्पलाइन)। मुंबई में दिंडोशी कोर्ट ने साकीनाका रेप और मर्डर के मामले में मोहन चौहान को मौत की सजा सुनाई है। सुनवाई के दौरान कोर्ट ने इसे गंभीर मामला बताया है। कोर्ट ने कहा कि ऐसे मामलों में दोषी को कड़ी सजा देना जरूरी है। इससे पहले 30 मई को कोर्ट ने इस मामले में 45 साल के मोहन को दोषी ठहाराया था और 1 जून (बुधवार) को सजा तय करने के मुद्दे पर बहस रखी थी। दरअसल, पिछले साल सितंबर में मुंबई के साकीनाका इलाके में 30 साल की एक महिला के साथ मोहन ने रेप किया और उसके प्राइवेट पार्ट में रॉड डाल दी थी। घटना के बाद महिला गंभीर रूप से घायल थी। पुलिस ने पीड़िता को अस्पताल में भर्ती कराया था, जहां उसकी मौत हो गई। आरोपी पेशे से ड्राइवर था। एक रिपोर्ट के मुताबिक कोर्ट में सुनवाई के दौरान आरोपी पीड़ित पक्ष के वकीलों को गालियां भी देता था। तब वकील ने कहा था कि इसमें सुधार की गुंजाइस नहीं है।
आपको बता दे जब जस्टिस के सामने यह मामला आया तो, राज्य सरकार के वकील ने आरोपी के लिए फांसी की सजा की मांग की थी। कोर्ट ने वकील की मांग को सही ठहराया और कहा कि आरोपी ने पीड़िता के शरीर को बूरी तरह से नुकसान पहुंचाया है। सोमवार (30 मई) को सुनवाई के दौरान कोर्ट ने आरोपी को पहले दोषी ठहराया और उसके बाद दोषी से पूछा कि कितनी सजा मिलनी चाहिए, तो वह जोर-जोर से रोने लगा। मोहन ने रोते हुए कहा कि उसे इस मामले में गलत तरीके से फंसाया गया है। वहीं, आरोपी के वकील ने कहा कि यह कोई गंभीर मामला नहीं है। वकील के मुताबिक घटना के बाद भी पीड़िता जिंदा थी और उसे अगर अच्छा इलाज मिलता तो वह बच सकती थी।