नई दिल्ली,12 अक्टूबर ( न्यूज हेल्पलाइन ) हरियाणा के बहुचर्चित रणजीत सिंह हत्याकांड मामले में सीबीआई की विशेष अदालत 19 साल बाद मंगलवार को
कोर्ट वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए रोहतक की सुनारिया जेल से पेश होने वाले गुरमीत राम रहीम समेत पांच आरोपियों को सजा सुनाएगी। पंचकूला स्थित सीबीआई की विशेष अदालत में सजा सुनाने के लिए आरोपी कृष्ण लाल, अवतार, सबदिल और जसबीर शारीरिक रूप से मौजूद रहेंगे।
इस मामले में पंचकूला स्थित हरियाणा स्पेशल सीबीआई कोर्ट ने गुरमीत राम रहीम, तत्कालीन डेरा प्रबंधक कृष्ण लाल, अवतार, जसबीर और सबदिल को दोषी करार दिया है. इसके लिए पंचकूला पुलिस ने कड़ी सुरक्षा कर ली है. पुलिस ने 17 नाके लगाकर शहर की सुरक्षा में 700 जवानों को तैनात किया है।जिला अदालत के बाहर भी पुलिस के जवान बड़ी संख्या में तैनात रहेंगे।
बता दें कि सीबीआई की स्पेशल कोर्ट में जज डॉ. सुशील कुमार गर्ग ने करीब ढाई घंटे बहस के बाद आरोपियों को दोषी करार दिया था. वहीं, इससे पहले गुरमीत राम रहीम को साध्वियों से यौन शोषण के मामले में 20 साल की सजा हो चुकी है. इसके अलावा वह पत्रकार रामचंद्र छत्रपति हत्याकांड में उम्रकैद की सजा काट रहा है।
डेरा सच्चा सौदा की प्रबंधन समिति के सदस्य रहे रणजीत सिंह की 10 जुलाई 2002 को उस समय हत्या हुई थी, जब वह अपने घर से कुछ ही दूरी पर जीटी रोड के साथ लगते अपने खेतों में नौकरों को चाय पिलाकर वापस घर जा रहे थे. हत्यारों ने अपनी गाड़ी जीटी रोड पर खड़ी रखी और वे धीरे से खेत से आ रहे रणजीत सिंह के पास पहुंचे और काफी नजदीक से उन्हें गोलियों से छलनी कर दिया था. गोलियों मारने के बाद हत्यारे फरार हो गए थे।
हत्यारों में पंजाब पुलिस का कमांडो सबदिल सिंह, अवतार सिंह, इंद्रसेन और कृष्णलाल आरोपी थे. यह भी मालूम हुआ था कि रणजीत सिंह की हत्या करने के बाद हत्यारों ने इस्तेमाल किए गए हथियार डेरे में जाकर जमा करवा दिए थे. रणजीत सिंह डेरा की उच्च स्तरीय प्रबंधन समिति का सदस्य था।वह डेरामुखी के काफी करीब माना जाता था।
इतना ही नहीं जब भी डेरा प्रमुख जीटी रोड से निकलता था तो वह रणजीत सिंह के घर रुककर जाता था. पहले रणजीत सिंह का घर गांव के बीच में था, लेकिन बाद में उसने जीटी रोड के साथ ही कुछ गज की दूरी पर कोठी बनवाई ताकि डेरामुखी की गाड़ियां गांव की भीड़ में ना जाएं. इतना ही नहीं रणजीत सिंह ने डेरामुखी की सेवा में लाखों रुपये भी खर्च किए थे. यह भी चर्चा रही कि रणजीत सिंह ने डेरे के कई तरह के गलत काम अपनी आंखों से देख लिए और डेरामुखी को गालियां देते हुए और महाभ्रष्टाचारी बताते हुए भेद खोलने की धमकी दी थी. गौरतलब है कि रणजीत सिंह की बहन भी डेरे में साध्वियों के बीच में थी और उसने डेरा छोड़ दिया था।