कोहिमा, 6 दिसंबर (न्यूज़ हेल्पलाइन) नागालैंड में आतंकवादियों के गलत पहचान के कारण आम नागरिकों पर भारतीय अर्धसैनिक बलों द्वारा फायरिंग और मौत से जुड़ी घटनाओं में अब तक कम से कम 15 लोगों के मारे जाने की सूचना है। इसके साथ ही नागरिक हत्याओं पर नागालैंड के मुख्यमंत्री नेफ्यू रियो ने एक बयान जारी करते हुए नागालैंड से AFSPA (Armed Forces Special Powers Act) को हटाने की मांग की है। बता दें कि नागालैंड के मुख्यमंत्री नेफ्यू रियो नागालैंड हिंसा में मरे नागरिकों के अंतिम संस्कार में भी आज शामिल हुए।
अपने बयान में नागालैंड के मुख्यमंत्री नेफ्यू रियो ने कहा कि मैंने केंद्रीय गृह मंत्री से बात की है, वह मामले को बहुत गंभीरता से ले रहे हैं। हमने प्रभावित परिवारों को आर्थिक मदद दी है। हम केंद्र सरकार से नागालैंड से AFSPA हटाने के लिए कह रहे हैं। इस कानून ने हमारे देश की छवि को काला कर दिया है।
मेघालय के मुख्यमंत्री कोनराड के संगमा ने भी आज सोमवार 6 दिसंबर को कहा कि सशस्त्र बल (विशेष शक्ति) अधिनियम, 1958 को निरस्त किया जाना चाहिए क्योंकि वह नागालैंड में नागरिकों की हत्याओं के बीच कानून को वापस लेने के बढ़ते शोर में शामिल हो गए थे।
वहीं, लोकसभा में नागालैंड के एनडीपीपी सांसद टी. येपथोमी अपने राज्य में नागरिकों की हत्याओं पर आज संसद में कहा कि जांच शुरू की जानी चाहिए। राज्य सरकार ने प्रत्येक पीड़ित परिवार को 5-5 लाख रुपए की अनुग्रह राशि दी है। केंद्र को भी प्रभावित परिवारों को पर्याप्त मुआवजा देना चाहिए।
नागालैंड की इस घटना पर राज्यसभा एलओपी मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि हम मांग करेंगे कि गृह मंत्री दोनों सदनों के सामने अपना बयान दें और घटना पर अपना विस्तृत विवरण दें, हम इसकी उम्मीद कर रहे हैं। बहुत ही संवेदनशील घटना है। ऐसा नहीं होना चाहिए था। उन्हें जवाब देना चाहिए कि ऐसा क्यों हुआ।
ज्ञात हो कल रविवार और आज सोमवार 6 दिसंबर के बीच में हुई इस घटना के बारे में पुलिस ने जो जानकारी दी है उसके अनुसार नागालैंड के मोन जिले में सप्ताहांत में उग्रवाद विरोधी अभियान और जवाबी हिंसा में कम से कम 15 नागरिक और एक सैनिक मारे गए हैं। बता दें कि केंद्र ने प्रत्येक मृतक को 11 लाख रुपए की अनुग्रह राशि दी है और राज्य सरकार ने मृतकों के परिवारों को 5-5 लाख रुपए दिए हैं।