ताजा खबर
कनाडा सरकार ने इंफोसिस पर लगाया 82 लाख रुपये का जुर्माना   ||    Google Accidentally Deletes $125 Billion Pension Fund Account From Cloud   ||    प्रतिदिन 133 महिलाएँ अपने साथियों द्वारा मारी जा रही हैं; जानिए क्या है स्त्री हत्या और किन देशों ने...   ||    किर्गिस्तान भीड़ के हमलों के बीच भारत और पाकिस्तान ने छात्रों को अंदर रहने की चेतावनी दी   ||    वैज्ञानिकों ने खोजी ‘हत्यारी’ मकड़ी की नई प्रजाति, पैरों से दबोचती हैं शिकार, नाम भी अजीब   ||    छोटी उंगली को 360 डिग्री तक घुमा लेता है युवक, जिम से वायरल वीडियो को देख चुके हैं लाखों लोग   ||    प्रॉपर्टी या शेयर, किसमें लगाएं पैसा? घर की बढ़ रही कीमतें तो रियल एस्टेट कंपनियों के शेयरों की ऊंची...   ||    Kanya Utthan Yojana: बेटियों को 50 हजार रुपये दे रही सरकार, आज आवेदन करने की आखिरी तारीख   ||    Petrol Diesel Price Today: शनिवार को जारी हुई पेट्रोल-डीजल की कीमत? जानें ईंधन के नए रेट   ||    RCB Vs CSK: 18 मई को निर्णायक मुकाबला, अगर बारिश ने बिगाड़ा खेल… तो कौन करेगा क्वालीफाई   ||   

डिजिटल संगीत युग की दिशा : संगीतकार शिवराम परमार ने खोली अंदर की बात

Photo Source :

Posted On:Monday, March 18, 2024

संगीत इंडस्ट्री  के निरंतर विकसित हो रहे परिदृश्य में, डिजिटल युग संगीतकारों के लिए चुनौतियां और अवसर दोनों लेकर आया है। इस बात की गहराई को समझने के लिए हम संगीतकार शिवराम परमार के साथ बैठे जिन्होंने इस इंडस्ट्री के अलग अलग पहलू हमारे साथ शेयर किये ,जिसमे डिजिटल युग के प्रभाव , रचनात्मक प्रक्रिया और ऐआई का इन सब में क्या भूमिका है, सब पर बात की गयी। 
 
इन सबमें सबसे बड़ी चुनौती के बारे में बात करते हुए शिवराम ने बताया कैसे डिजिटल उपकरणों के प्रचलन के कारण संगीत में संवेदनशीलता और भावना की कमी होती जा रही है। उन्होंने बताया कि कैसे संगीत जगत में सुविधा पाने के लिए इन आवश्यक तत्वों से समझौता नहीं किया जा सकता। उनके अनुसार, आज संगीत में सबसे बड़ी चुनौती डिजिटल प्रगति को अपनाते हुए संवेदनाओं को बरकरार रखना है।
 
रचनात्मक प्रक्रिया पर चर्चा करते समय,उन्होंने  बताया हमें  संगीत के बुनियादी सिद्धांतों को सही रूप से सीखना चाहिए और लगन से अभ्यास करते रहना चाहिए। उन्होंने इच्छुक संगीतकारों को सलाह दी कि वे अनुभवी गुरुओं से मार्गदर्शन लें और ऐसा संगीत बनाने पर ध्यान केंद्रित करें जो प्रमाणित हो और श्रोताओं को पसंद आए। शिवराम ने एक गीत को बनाने के पीछे उसका मकसद  और भावनाओं को समझने के महत्व के बारे में भी बात की , खासकर फिल्मों या अन्य दृश्य विज़ुअल मीडिया के लिए कंपोज करते हुए ध्यान रखने की बात की। 
 
शिवराम अपना खुद का एक संगीत स्कूल चलाते हैं और उन्होंने युवा संगीतकारों और कंपोजर  को बहुमूल्य सलाह दी। उन्होंने बताया कि सभी को अपने कौशल को निखारने और अपनी कला में उत्कृष्टता के लिए प्रयास करते रहना चाहिए । शिवराम ने संगीत में महारत हासिल करने के लिए निरंतर सीखने और विकास के महत्व पर जोर दिया।
 
संगीत प्रोडक्शन में एआई के बारे में बात करते हुए उन्होंने बताया जिस गहराई और भावना से मानव संगीत बना सकता है , एआई ऐसा कभी नहीं कर सकता। एआई की सहायता संगीत प्रोडक्शन के तकनीकी पहलुओं जैसे मिश्रण और मास्टरिंग में ली जा सकती है लेकिन संगीत निर्माण में मानवीय तत्व को संरक्षित करने के महत्व पर उन्होंने जोर दिया।
 
अंत में, शिवराम द्वारा बताई गयी यह सब बातें डिजिटल युग में संगीतकारों के सामने आने वाली चुनौतियों और अवसरों पर एक बहुत ही महत्वपूर्ण सलाह के रूप में काम आ सकती है। उनकी सलाह समय की कसौटी पर खरा उतरने वाला संगीत बनाने में जुनून, समर्पण और प्रामाणिकता के महत्व को रेखांकित करती है। जैसे-जैसे संगीत इंडस्ट्री बढ़ रही है , शिवराम के शब्द संगीत की लोगों को जोड़कर रखने की शक्ति के बारे में बात करते हैं।
 


लखनऊ और देश, दुनियाँ की ताजा ख़बरे हमारे Facebook पर पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें,
और Telegram चैनल पर पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें



You may also like !

मेरा गाँव मेरा देश

अगर आप एक जागृत नागरिक है और अपने आसपास की घटनाओं या अपने क्षेत्र की समस्याओं को हमारे साथ साझा कर अपने गाँव, शहर और देश को और बेहतर बनाना चाहते हैं तो जुड़िए हमसे अपनी रिपोर्ट के जरिए. Lucknowvocalsteam@gmail.com

Follow us on

Copyright © 2021  |  All Rights Reserved.

Powered By Newsify Network Pvt. Ltd.