भारतीय स्टील उद्योग के लिए सरकार का हालिया फैसला एक संजीवनी बनकर आया है। केंद्र सरकार द्वारा चुनिंदा स्टील उत्पादों पर अगले तीन वर्षों के लिए 12 फीसदी तक की सेफगार्ड ड्यूटी (Safeguard Duty) लगाने की घोषणा ने घरेलू बाजार और शेयर बाजार दोनों में हलचल मचा दी है। इस सुरक्षात्मक कदम के बाद आज शेयर बाजार खुलते ही स्टील कंपनियों के शेयरों में निवेशकों की भारी खरीदारी देखने को मिली।
सरकार का 'सुरक्षा कवच' और उसका प्रभाव
सरकार का यह निर्णय मुख्य रूप से चीन, वियतनाम और नेपाल जैसे देशों से होने वाले सस्ते और घटिया गुणवत्ता वाले स्टील आयात (Dumping) को रोकने के लिए लिया गया है। डायरेक्टोरेट जनरल ऑफ ट्रेड रेमेडीज (DGTR) की जांच में पाया गया था कि अचानक बढ़ते आयात से घरेलू स्टील मिलों के अस्तित्व पर संकट मंडरा रहा था।
सरकार ने एक चरणबद्ध टैरिफ ढांचा तैयार किया है:
यह बहुवर्षीय ढांचा स्टील कंपनियों को 'प्राइसिंग प्रोटेक्शन' और भविष्य के लिए 'विजिबिलिटी' प्रदान करता है, जिससे कंपनियां अब अपनी विस्तार योजनाओं और उत्पादन क्षमता को बढ़ाने पर ध्यान केंद्रित कर सकेंगी।
शेयर बाजार में स्टील शेयरों की धूम
सरकार की इस घोषणा के बाद प्रमुख स्टील कंपनियों के शेयरों में 2 से 4 फीसदी तक की जोरदार तेजी आई। निवेशकों का मानना है कि विदेशी डंपिंग रुकने से कंपनियों के प्रॉफिट मार्जिन में बड़ा सुधार होगा।
प्रमुख शेयरों का हाल:
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JSW स्टील: 3.3% की बढ़त के साथ ₹1,148.1 के स्तर पर पहुँचा।
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जिंदल स्टील: 3.6% की उछाल के साथ ₹1,057.8 पर कारोबार करता दिखा।
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टाटा स्टील: 2.2% की तेजी के साथ ₹179.7 के स्तर को छुआ।
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जिंदल स्टेनलेस: हालाँकि स्टेनलेस स्टील ड्यूटी के दायरे से बाहर है, फिर भी सेक्टर में आए सकारात्मक माहौल के कारण इसमें 2.8% की बढ़त देखी गई।
निफ्टी 50 की तुलना में स्टील सेक्टर का प्रदर्शन
दिलचस्प बात यह है कि इस साल स्टील सेक्टर ने बेंचमार्क इंडेक्स निफ्टी 50 को काफी पीछे छोड़ दिया है। जहाँ निफ्टी 50 ने इस साल लगभग 9.3% का रिटर्न दिया है, वहीं स्टील शेयरों ने निवेशकों को मालामाल कर दिया है।
रिटर्न की तालिका (Year to Date):
| शेयर |
रिटर्न (YTD %) |
| टाटा स्टील |
28.50% |
| NMDC |
26.50% |
| JSW स्टील |
22.60% |
| जिंदल स्टेनलेस |
18.80% |
| जिंदल स्टील |
8.80% |
निष्कर्ष और भविष्य की राह
बाजार विशेषज्ञों का मानना है कि सरकार का यह कदम 'आत्मनिर्भर भारत' की दिशा में एक बड़ा प्रहार है। सस्ते आयात पर अंकुश लगने से अब भारतीय स्टील मिलों को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर समान प्रतिस्पर्धा (Level Playing Field) मिलेगी। अगले तीन सालों तक मिलने वाली यह सुरक्षा न केवल सेक्टर के वित्तीय स्वास्थ्य को सुधारेगी, बल्कि भारत को ग्लोबल स्टील सप्लाई चेन में एक प्रमुख खिलाड़ी के रूप में स्थापित करने में भी मदद करेगी।