Pakistan, 11 Feb (News Helpline) पाकिस्तान के पीएम इमरान खान ने अंततः माना है कि उनकी सरकार कई कारणों से परिवर्तन लाने में सक्षम नहीं रही है। पाकिस्तानी अखबार डॉन की एक रिपोर्ट बताती है कि इमरान खान ने एक सरकारी कार्यक्रम में कहा है कि वह सरकार बनाने के बाद क्रांतिकारी परिवर्तन लाना चाहते थे लेकिन वह ऐसा करने में नाकाम रहे हैं।
उन्होंने माना है कि उनकी सरकार और केंद्रीय मंत्रालय वांछित परिणाम देने में सक्षम नहीं रही हैं। डॉन ने इमरान खान के हवाले से बताया है कि सबसे बड़ी समस्या यह है कि सरकार और देश के हित के बीच कोई संबंध नहीं है।
क्रिकेटर से नेता बने इमरान खान पर फ्यूल और बिजली की बढ़ती कीमतों ने दबाव बढ़ा दिया है। बता दें कि 2018 में हुए आम चुनावों के बाद इमरान खान से सत्ता संभाली थी और चुनाव के वक्त उनकी पार्टी पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ को भ्रष्टाचार और नौकरशाही के मुद्दों से प्रभावित प्रणाली के विकल्प के रूप में देखा गया था।
हालांकि 2018 में ढहती हुई पाकिस्तान की इकॉनमी अब तक और ढह चुकी है। इमरान सरकार का दावा है कि इकॉनमी को ट्रैक पर लाने के लिए हर संभव कोशिश जारी है। लेकिन ये दावे खोखले नजर आते हैं पाकिस्तान का उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (CPI) एक साल पहले जनवरी में 13 बढ़ा, जो दो साल में सबसे अधिक है और दिसंबर में महंगाई का आंकड़ा 12.3 फीसद था।
पाकिस्तान की कर्ज में डूबी इकॉनमी लंबे वक्त से बेकार और अक्षम बिजली क्षेत्र से लेकर कमजोर कर संग्रह, खराब उत्पादकता और मिनिमम वैल्यू-एडेड एक्सपोर्ट जैसी समस्याओं से जूझ रही है।