Kazakhstan, 6 Dec (News Helpline) कजाकिस्तान ने बुधवार को देश भर में आपातकाल की घोषणा कर दी है, ऐसे में देश इस समय तीसरे दिन सैकड़ों लोगों द्वारा विरोध प्रदर्शन का सामने कर रहा है. दरअसल, जब ईंधन की कीमतों में बढ़ोतरी के खिलाफ विरोध में झड़पें हुईं, तब प्रदर्शनकारियों ने सरकारी इमारतों पर धावा बोल दिया. ऐसे में सामने आ रही नई खबर के मुताबिक, कजाकिस्तान के सबसे बड़े शहर अलमाटी में सैनिकों ने एंट्री ले ली है और लोगों की भीड़ को काबू करने के लिए गोलियां चलाई गईं हैं.
रॉयटर्स के विटनेसेस ने कहा है कि कई बख्तरबंद कर्मियों की गाड़ियां और उनके साथ अन्य पैदल चलने वाले दर्जनों सैनिक गुरुवार की सुबह अलमाटी पहुचें, जिसके बाद भीड़ को नजदीक जाते हुए शॉट्स की आवाज सुनाई दी.
स्टेट टेलीविजन ने गुरुवार को बताया कि नेशनल बैंक ऑफ कजाकिस्तान ने सभी वित्तीय संस्थानों को निलंबित करने का फैसला किया है. देश में इंटरनेट ज्यादातर डाउन है. बुधवार को, अलमाटी और अन्य शहरों में हिंसक झड़पों और शूटिंग की खबरें आई थीं, साथ ही असत्यापित वीडियो भी प्रदर्शनकारियों के बीच हताहत होने का सबूत देते हैं.
बुधवार की रात, यह घोषणा की गई कि रूस के नेतृत्व वाले सैन्य गठबंधन से "शांति सेना" देश के राष्ट्रपति कसीम-जोमार्ट टोकायव को नियंत्रण हासिल करने में मदद करने के लिए कजाकिस्तान भेजी जाएगी. वहीं, आर्मेनिया के प्रधान मंत्री, निकोल पशिनियन ने कहा कि सामूहिक सुरक्षा संधि संगठन (सीएसटीओ) - रूस, आर्मेनिया, बेलारूस, कजाकिस्तान, किर्गिस्तान और ताजिकिस्तान का गठबंधन - मध्य एशियाई देश को "स्थिर" करने के लिए सेना भेजेगा.
कुछ प्रदर्शनकारियों ने देश के पहले राष्ट्रपति नूरसुल्तान नज़रबायेव का आह्वान किया, जो तीन दशकों से अधिक समय से देश की प्रमुख राजनीतिक ताकत रहे हैं, उन्होंने सत्ता की बागडोर छोड़ दी और 2019 में टोकायव को उत्तराधिकारी के रूप में चुना. टोकायव, जिनका प्राथमिक निवास था. वह अब राजधानी नूर-सुल्तान में है, शुरू में अगले छह महीनों के लिए मोटर ईंधन पर मूल्य कैप लगाकर और अपनी सरकार के इस्तीफे को स्वीकार करके प्रदर्शनकारियों को खुश करने की मांग की. उन्होंने अल्माटी, नूर-सुल्तान और तेल समृद्ध मैंगिस्टाऊ क्षेत्र में और उसके आसपास आपातकाल की स्थिति की घोषणा की, लेकिन उपाय तनाव को कम करने में विफल रहे.
टोकायव ने यह भी घोषणा की कि वह नज़रबायेव से सुरक्षा परिषद के प्रमुख के रूप में पदभार ग्रहण कर रहे हैं और राजधानी में "जो कुछ भी होता है" रहने का वचन दिया.
बेलारूसी समाचार एजेंसी बेल्टा ने कहा कि बेलारूस के राष्ट्रपति अलेक्जेंडर लुकाशेंको ने बुधवार को रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन और कजाख राष्ट्रपति कसीम-जोमार्ट टोकायव के साथ अलग-अलग बातचीत में कजाकिस्तान में फैली अशांति पर चर्चा की. जबकि क्रेमलिन के प्रवक्ता दिमित्री पेसकोव ने कहा है कि कजाकिस्तान अपनी समस्याओं को स्वयं हल कर सकता है और यह महत्वपूर्ण है कि कोई भी बाहर से हस्तक्षेप न करे.