मुंबई, 02 दिसंबर, (न्यूज़ हेल्पलाइन)। HIV/AIDS के इलाज के लिए पहली वैक्सीन दुनिया को जल्द मिल सकती है। दरअसल, वर्ल्ड एड्स डे पर साइंस जर्नल में एक रिसर्च प्रकाशित हुई है। इसमें एक वैक्सीन के पहले क्लिनिकल ट्रायल के नतीजे बताए गए हैं। वैज्ञानिकों के मुताबिक यह वैक्सीन HIV के खिलाफ 97% तक कारगर है। एक्वायर्ड इम्यूनो डेफिशिएंसी सिंड्रोम (AIDS) की बीमारी ह्यूमन इम्यूनो डेफिशिएंसी वायरस (HIV) से होती है। माना जाता है कि यह वायरस चिम्पैंजी से इंसान में 20वीं सदी में ट्रांसफर हुआ था। यह एक यौन रोग है और मरीज के सीमेन, वजाइनल फ्लूइड और खून के संपर्क में आने से फैल सकता है। फिलहाल इसका कोई परमानेंट इलाज मौजूद नहीं है।
इस वैक्सीन का नाम eOD-GT8 60mer है। रिसर्च में 48 स्वस्थ लोगों पर इसका ट्रायल किया गया। जिनकी उम्र 18 से 50 साल के बीच थी। 18 लोगों को पहली खुराक 20 माइक्रोग्राम की दी गई। इसके 8 हफ्ते बाद उन्हें इतनी ही खुराक दूसरी बार दी गई। वहीं, अगले 18 लोगों को 8 हफ्ते के अंतराल में 100 माइक्रोग्राम के दो डोज दिए गए। बाकी बचे 12 लोगों को सलाइन प्लेसिबो दिया गया। प्लेसिबो कोई दवाई नहीं है। डॉक्टर इसका इस्तेमाल ये जानने के लिए करते हैं कि दवा लेने का किसी व्यक्ति पर मानसिक रूप से क्या और कितना असर पड़ता है।
इंटरनेशनल एड्स वैक्सीन इनिशिएटिव के डेटा के अनुसार दुनिया में 3 करोड़ 80 लाख लोग HIV के साथ जी रहे हैं। फिलहाल इस जानलेवा वायरस के खिलाफ 20 से ज्यादा वैक्सीन के क्लिनिकल ट्रायल चल रहे हैं। वहीं, विश्व में अब तक इससे 4 करोड़ लोगों की मौत हुई है। पिछले साल 15 लाख लोगों को AIDS हुआ, जबकि 6 लाख 50 हजार मरीजों ने अपनी जान गंवाई। रिसर्चर्स ने पाया कि जिन 36 लोगों को वैक्सीन दी गई, उनमें से 35 लोगों में वैक्सीन का पहला डोज देते ही असर दिखाई दिया। उनमें बी सेल्स (बी कोशिकाएं) बढ़ीं। ये व्हाइट ब्लड सेल्स का वो प्रकार है, जो इम्यून सिस्टम में बीमारियों के खिलाफ एंटीबॉडी बनाता है। वैक्सीन की दूसरी खुराक के बाद इन लोगों की इम्यूनिटी और बढ़ गई। वैक्सीन HIV/AIDS के मरीजों पर कैसे काम करेगी, इस पर रिसर्च बाकी है।