देहरादून, 12 मार्च (न्यूज़ हेल्पलाइन) विगत 10 मार्च को घोषित 5 राज्यों के चुनाव परिणाम कई मायनों में अप्रत्याशित रहें। सबसे बड़ी अप्रत्याशा तो पंजाब के रिजल्ट से लोगों को हुई। दूसरी अप्रत्याशा उत्तराखंड के रिजल्ट (Uttarakhand results) से हुई, जहां पर सत्ताधारी भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने सभी को अचंभित करते हुए उत्तराखंड के 70 विधानसभा सीटों में से लगभग 47 या 67% सीटें जीतते हुए प्रचंड बहुमत से सत्ता में वापसी की। मगर इसके साथ ही उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी (Pushkar Singh Dhami) खुद ही अपनी सीट से चुनाव हार गए।
दरअसल उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी (Pushkar Singh Dhami) खटीमा निर्वाचन क्षेत्र से कांग्रेस के भुवन कापड़ी (Bhuwan Kapri) से हार गए। इसके बाद भारतीय जनता पार्टी का शीर्ष नेतृत्व सकते में आ गया है। पार्टी हाईकमान को यह समझ में नहीं आ रहा है कि खुद अपनी सीट से हारे हुए कैंडिडेट को प्रदेश के मुख्यमंत्री कैसे बना दिया जाए।
मगर पार्टी के अंदर और उत्तराखंड के जीते हुए भाजपा विधायकों के द्वारा पुष्कर सिंह धामी (Pushkar Singh Dhami) को मिलते सपोर्ट ने शीर्ष नेतृत्व के असमंजसता को समाप्त कर दिया है। विगत 10 मार्च से जबसे परिणाम आए हैं, तबसे अपने पराजित मुख्यमंत्री (Pushkar Singh Dhami) के लिए पार्टी के कई जीते हुए विधायकों ने अपनी सीटें छोड़ने का ऐलान और पेशकश कर दी है।
भाजपा के प्रदेश मीडिया प्रभारी मनवीर चौहान ने इस बारे में बात करते हुए कहा कि चंपावत के विधायक कैलाश गहटोड़ी और कपकोट के विधायक सुरेश गड़िया के बाद अब भाजपा के चार और विधायकों ने कार्यवाहक मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी (Pushkar Singh Dhami) के लिए अपनी सीट छोड़ने की पेशकश की है। आधा दर्जन विधायक सीएम के लिए अपनी सीट छोड़ने को तैयार हैं।