ताजा खबर
आज का इतिहास: 16 अप्रैल को हुआ था चार्ली चैपलिन का जन्म, जानें अन्य बातें   ||    एक मंदिर जो दिन में दो बार हो जाता है गायब, मान्यता- दर्शन मात्र से मिलता मोक्ष   ||    फैक्ट चेक: कानपुर में हुई युवक की पिटाई का वीडियो 'ब्राह्मण पर पुलिसिया अत्याचार' के गलत दावे के साथ...   ||    वानखेड़े स्टेडियम में प्रदर्शन के बाद धोनी ने युवा प्रशंसक को मैच बॉल गिफ्ट की   ||    फैक्ट चेक: मंदिर से पानी पीने के लिए नहीं, फोन चोरी के शक में की गई थी इस दलित बच्ची की पिटाई   ||    Navratri 2024: नवरात्रि के 7वें दिन करें सात उपाय, नौकरी और कारोबार में मिलेगी सफलता   ||    यूपीएससी रियलिटी चेक: उत्पादकता, घंटे नहीं, सबसे ज्यादा मायने रखती है; आईएएस अधिकारी का कहना है   ||    Breaking News: Salman Khan के घर के बाहर हुई फायरिंग, बाइक सवार 2 हमलावरों ने चलाई गोली, जांच में जु...   ||    चुनाव प्रचार के दौरान राहुल ने लिया ब्रेक, अचानक मिठाई की दुकान पर पहुंचे, गुलाब जामुन का उठाया लुत्...   ||    13 अप्रैल: देश-दुनिया के इतिहास में आज के दिन की महत्त्वपूर्ण घटनाएँ   ||   

स्वदेशी लड़ाकू विमान तेजस बनाने वाले पद्मश्री डॉ. मानस बिहारी वर्मा का निधन

Photo Source :

Posted On:Tuesday, May 4, 2021

दरभंगा, 04 मई । स्वदेशी लड़ाकू विमान तेजस बनाने में अहम भूमिका निभाने वाले पद्मश्री डॉ. मानस बिहारी वर्मा अब इस दुनिया में नहीं रहे। उनका निधन सोमवार की देर रात लहेरियासराय स्थित आवास पर हार्ट अटैक से हो गया। उनके निधन से साइंस के क्षेत्र में ही नहीं, अपितु देश एवं बिहार सहित पूरे मिथिला को बड़ा नुकसान हुआ है।
 
बिहार में दरभंगा जिले के घनश्यामपुर प्रखंड के बाऊर गांव के मूल निवासी पद्मश्री डॉ. मानस बिहारी वर्मा के भतीजे मुकुल बिहारी वर्मा ने मंगलवार को बताया कि डीआरडीओ बेंगलुरु में रक्षा वैज्ञानिक रहे डॉ. वर्मा का निधन सोमवार की रात करीब 12 बजे लहेरियासराय के केएम टैंक स्थित किराए के आवास पर हृदय गति रुकने से हो गया। डॉ. वर्मा पूर्व राष्ट्रपति डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम के सहयोगी रहे, इसीलिए वे जब भी बिहार आते थे तो इनसे जरूर मिलते थे। स्वदेशी लड़ाकू विमान 'तेजस' को बनाने में डॉ. वर्मा की महत्वपूर्ण भूमिका रही। वे अविवाहित थे। उनके निधन की खबर मिलते ही केएम टैंक स्थित उनके आवास पर बड़ी संख्या में लोग पहुंचने लगे। उनका अंतिम संस्कार बाऊर में किया जाएगा। 
 
दरभंगा जिले के सुदूरवर्ती और लगभग हर साल बाढ़ग्रस्त होने वाले घनश्यामपुर प्रखंड के छोटे से गांव बाऊर में पिता आनंद किशोर लाल दास और माता यशोदा देवी के घर 29 जुलाई 1943 को उनका जन्म हुआ था। डॉ. वर्मा की चार बहनेें और तीन भाई थे। उनके बचपन की प्रवृत्तियों को देखकर माता-पिता उन्हें ऋषि कहा करते थे। प्रख्यात मैथिली साहित्यकार ब्रजकिशोर वर्मा मणिपद्म के परिवार से होने के कारण बाल्यकाल में उन्‍हें पढ़ाई-लिखाई का उचित माहौल मिला। उनकी प्रारंभिक शिक्षा गांव में ही हुई। हाईस्कूल तक की पढ़ाई उन्होंने जिला स्कूल चाईबासा (वर्तमान में झारखंड), जिला स्कूल गया और जिला स्कूल मधेपुर से की। इसके बाद पटना साइंस कॉलेज, बिहार इंजीनियरिंग कॉलेज और सागर विश्वविद्यालय से उच्च और तकनीकी शिक्षा हासिल की। 
 
डॉ. वर्मा डीआरडीओ से 2005 में सेवानिवृत हुए थे। उन्हें दर्जनों पुरस्कारों से नवाजा जा चुका है। उन्‍हें डीआरडीओ के 'साइंटिस्ट ऑफ द इयर' और 'टेक्नोलॉजी लीडरशिप अवॉर्ड' से क्रमशः पूर्व पीएम अटल बिहारी वाजपेयी और पूर्व पीएम मनमोहन सिंह ने सम्‍मानित किया था। 2018 में उन्‍हें पद्मश्री सम्‍मान दिया गया। 


लखनऊ और देश, दुनियाँ की ताजा ख़बरे हमारे Facebook पर पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें,
और Telegram चैनल पर पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें



You may also like !

मेरा गाँव मेरा देश

अगर आप एक जागृत नागरिक है और अपने आसपास की घटनाओं या अपने क्षेत्र की समस्याओं को हमारे साथ साझा कर अपने गाँव, शहर और देश को और बेहतर बनाना चाहते हैं तो जुड़िए हमसे अपनी रिपोर्ट के जरिए. Lucknowvocalsteam@gmail.com

Follow us on

Copyright © 2021  |  All Rights Reserved.

Powered By Newsify Network Pvt. Ltd.