मुंबई, 8 जुलाई 2021
विशेष रूप से कोरोनावायरस के नए और अधिक आक्रामक रूपों के खिलाफ कोविड के टीकों के असर पर बहस के बीच मुंबई की एक 26 वर्षीय डॉक्टर ने वैक्सीन की दोनो डोज़ लेने के बावजूद 13 महीनों में तीसरी बार कोरोना संक्रमण के लिए पॉज़िटिव टेस्ट किया है।
साथ ही मिली जानकारी के अनुसार डॉक्टर के परिवार के परिवार में उसके पिता, माता और भाई ने भी संक्रमित है जबकि उन्होंने भी वैक्सीन की दोनों डोज ली है।
पूरे परिवार को अस्पताल में भर्ती कराया गया है और डॉक्टर और उसके भाई के नमूनों का विश्लेषण किया जा रहा है ताकि उन्हें और उनके परिवार को संक्रमित करने वाले वेरिएंट के बारे में पता चल सके।
श्रुष्टि हलारी मुंबई के मुलुंड इलाके के वीर सावरकर अस्पताल में कोविड ड्यूटी पर थीं और जब उन्हें पहली बार पिछले साल 17 जून को वायरस ने संक्रमित किया था उस समय यह हल्का संक्रमण था।
वैक्सीन की पहली खुराक (कोविशील्ड) इस साल 8 मार्च और दूसरी 29 अप्रैल को ली गई थी और पूरे परिवार को एक साथ टीका लगाया गया था।
हालांकि, एक महीने बाद 29 मई को डॉ हलारी ने दूसरी बार सकारात्मक परीक्षण किया, इस बार हल्के लक्षणों के साथ घर पर ठीक होने की अनुमति दी गई।
फिर वायरस फिर से आया 11 जुलाई को डॉ हलारी ने फिर से सकारात्मक परीक्षण किया, और इस बार यह पूरा परिवार था। चारों सदस्यों का इलाज रेमडेसिविर से किया जा रहा है।
डॉक्टर ने बताया कि तीसरी बार संक्रमण घातक है।
विशेषज्ञों ने बताया है कि एक कोविड वैक्सीन रोग से प्रतिरक्षा में तब्दील नहीं होता है, और यह कि दोनों खुराक के बाद भी लोग संक्रमित हो सकते हैं।
उन्होंने जोर दिया है कि टीकाकरण के बाद संक्रमण हल्का होता है और इस दौरान अस्पताल में भर्ती होने की आवश्यकता ज़्यादा नहीं होती है और घातक होने की संभावना बहुत कम होती है।
इस महीने की शुरुआत में ICMR द्वारा वित्त पोषित एक प्री-प्रिंट अध्ययन में कहा गया था कि पूरे भारत से 677 सकारात्मक RT-PCR नमूनों में से केवल 67 (कोविशील्ड या कोवैक्सिन की कम से कम एक खुराक प्राप्त करने वाले लोगों से) को अस्पताल में भर्ती होने की आवश्यकता थी, और केवल तीन के परिणामस्वरूप मृत्यु हुई।