एक ओर जहाँ पूरे देश की निगाहें बिहार विधानसभा चुनाव के नतीजों पर टिकी हैं, वहीं आज (14 नवंबर, 2025) छह राज्यों की आठ विधानसभा सीटों पर हुए उपचुनाव के नतीजे भी घोषित किए जा रहे हैं। इन नतीजों का ऐलान चुनाव आयोग कर रहा है, जो विभिन्न राज्यों में खाली हुई सीटों पर सत्ताधारी और विपक्षी दलों के बीच हुए कड़े मुकाबले का परिणाम बताएंगे। इन उपचुनावों के परिणाम राज्य की राजनीति में दलों की स्थिति और जनता के मिजाज को समझने के लिए महत्वपूर्ण हैं।
इन 8 सीटों पर हो रही मतगणना
आज जिन आठ विधानसभा सीटों पर मतगणना हो रही है, वे विभिन्न राज्यों से हैं:
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राजस्थान: अंता
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झारखंड: घाटशिला (एसटी)
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पंजाब: तरनतारन
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तेलंगाना: जुबली हिल्स
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मिजोरम: डम्पा (एसटी)
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ओडिशा: नुआपाड़ा
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जम्मू-कश्मीर: बडगाम
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जम्मू-कश्मीर: नगरोटा
इनमें से कई सीटें मौजूदा विधायकों के निधन के कारण खाली हुई थीं, जबकि बडगाम सीट उमर अब्दुल्ला के इस्तीफे के बाद खाली हुई थी।
सुबह के रुझानों में कौन आगे?
मतगणना शुरू होने के बाद कई सीटों से शुरुआती रुझान सामने आने लगे हैं, जिनमें मुख्य मुकाबला इस प्रकार है:
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नगरोटा (जम्मू-कश्मीर): शुरुआती 11 राउंड की मतगणना के बाद बीजेपी की देवयानी राणा आगे चल रही हैं। वह जम्मू-कश्मीर नेशनल पैंथर्स पार्टी (इंडिया) के हर्ष देव सिंह से 1111 वोटों के अंतर से आगे हैं।
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नुआपाड़ा (ओडिशा) और बडगाम (जम्मू-कश्मीर): नुआपाड़ा में शुरुआती रुझानों में जेएमएम के सोमेश चंद्र सोरेन अपने विरोधी रामदास मुर्मू से आगे चल रहे हैं, हालाँकि यहाँ त्रुटि दिख रही है, क्योंकि झारखंड मुक्ति मोर्चा (JMM) की मौजूदगी ओडिशा में कम है, और नुआपाड़ा में मुख्य मुकाबला बीजेपी, बीजद और कांग्रेस के बीच बताया गया है। वहीं, बडगाम में बीजेपी के जय ढोलकिया को बीजद उम्मीदवार स्नेहांगिनी छुरिया से आगे बताया जा रहा है, जो कि यहाँ भी पार्टी और उम्मीदवार के नाम में त्रुटि हो सकती है।
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तरनतारन (पंजाब): यहाँ शिरोमणि अकाली दल (SAD) की प्रत्याशी सुखविंदर कौर शुरुआती रुझानों में आगे चल रही हैं। यह सीट आम आदमी पार्टी के विधायक कश्मीर सिंह सोहल के निधन के बाद खाली हुई थी।
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घाटशिला (झारखंड): यह सीट पूर्व शिक्षा मंत्री रामदास सोरेन के निधन के बाद खाली हुई थी। यहाँ झारखंड मुक्ति मोर्चा (JMM) के सोमेश चंद्र सोरेन (रामदास के बेटे) और बीजेपी के बाबूलाल सोरेन के बीच कड़ा मुकाबला है।
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जुबली हिल्स (तेलंगाना): यहाँ मुख्य मुकाबला सत्तारूढ़ कांग्रेस और भारत राष्ट्र समिति (BRS) के बीच है। मतगणना से पहले सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए हैं और क्षेत्र में धारा 144 लागू है।
ओडिशा और जम्मू-कश्मीर का महत्व
ओडिशा में नुआपाड़ा उपचुनाव इसलिए महत्वपूर्ण है क्योंकि यह पिछले साल सत्ता में आई भारतीय जनता पार्टी (BJP) सरकार के लिए एक शुरुआती चुनावी परीक्षा है। वहीं, जम्मू-कश्मीर की नगरोटा और बडगाम सीटें केंद्र शासित प्रदेश की राजनीतिक दिशा को समझने में महत्वपूर्ण हैं।
इन सभी सीटों पर अंतिम परिणाम दोपहर तक आने की उम्मीद है, जो संबंधित राज्यों में राजनीतिक दलों के आत्मविश्वास और भविष्य की रणनीति को प्रभावित करेंगे।